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मनुष्य संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी कहा जाता है , सबसे बुद्धिमान माना जाता है, बड़े से बड़े विकास अपने अन्वेषणों से कर भी रहा है, परन्तु साथ ही सर्वाधिक रोग, शोक, कष्ट व तनाव भी मनुष्य में ही पाया जाता है इसका मूल कारण अधूरी शिक्षा को ही माना जा सकता है. शिक्षा का उद्देश्य भौतिक एवं आत्मिक विकास करना है वर्तमान शिक्षा भौतिक विकास पर केंद्रित है एवं आत्मिक विकास की उपेक्षा के कारण ही समाज में अशांति एवं असंतोष व्याप्त है. प्राचीन काल से ही भारत विश्वगुरु रहा है। क्योंकि परमपिता परमात्मा ने वेदों का ज्ञान इसी पवित्र भूमि पर प्रदान किया था. त्रषियों ने मानव जीवन का उद्वेश्य धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष की सिद्धि को बताया है. वेदों ने मनुर्भव का सन्देश भी दिया है. अर्थात् सर्वप्रथम मनुष्य बनने की शिक्षा दी जानी चाहिए और जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए शिक्षा के साथ-साथ संस्कारो की महती आवश्यकता होती है। वर्तमान मे भौतिक विकास की शिक्षा तो प्रदान की जा रही हैं परन्तु आत्मिक उन्नाति शान्ति संस्कारों की शिक्षा में कमी आयी है। यह विद्यालय दिल्ली पब्लिक स्कूल हल्द्वानी विद्यार्थियो को उत्तम संस्कारित एवं विकसित मानव बनाने के लिए नवीन व प्राचीनताका समन्वय करते हुए शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों को प्रमुखता देगा। ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है. सा विद्या या विमुक्तये के सिद्धान्त कोअपनाते हुए विद्यालय निरन्तर उन्नति करेगा और अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल होगा , ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास हैं एवं मेरी प्रभु से प्रार्थना है.
Late Shri Shiv Lal Sharma
Mentor (Kundan Green Valley School)
We don’t just give students an education and experiences that set them up for success in a career. We help them succeed in their career—to discover a field they’re passionate about and dare to lead it.
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